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Research: Meaning, Types, and Characteristics, Positivism and Post- Positivistic Approach to Research in hindi || शोध: अर्थ, प्रकार और विशेषताएँ, प्रत्यक्षवाद और शोध के बाद का सकारात्मक दृष्टिकोण

Research: Meaning, Types, and Characteristics, Positivism and Post- Positivistic Approach to Research in Hindi || शोध: अर्थ, प्रकार और विशेषताएँ, प्रत्यक्षवाद और शोध के बाद का सकारात्मक दृष्टिकोण

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Research: Meaning || अनुसंधान: अर्थ और महत्व

अनुसंधान एक प्रक्रिया है जिसमें नई जानकारी प्राप्त करने के लिए तथ्यों का संग्रह और विश्लेषण किया जाता है। यह जानकारी प्राप्त करने का एक वैज्ञानिक और सिद्धांतिक तरीका है जिसमें विभिन्न प्रकार के अनुसंधान प्रयोग किए जाते हैं।

Types of Research || अनुसंधान के प्रकार

  1. Basic Research (पुरानुसंधान):

    • यह अनुसंधान नई जानकारी की खोज के लिए किया जाता है और सामान्यत: सिद्धांतों और सिद्धांतों के विकास के लिए किया जाता है। इसमें सीमित या तात्कालिक उपयोग की उम्मीद नहीं होती है।
  2. Applied Research (अनुप्रयुक्त अनुसंधान):

    • इस प्रकार का अनुसंधान सिद्धांतों और सिद्धांतों को व्यावसायिक, तकनीकी या अन्य विषयों में अपनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य वास्तविक और व्यावसायिक समस्याओं का हल निकालना होता है।
  3. Quantitative Research (मात्रात्मक अनुसंधान):

    • इसमें डेटा को संख्यात्मक तरीके से एकत्र किया और विश्लेषित किया जाता है। सांख्यिकीय विश्लेषण और संख्यात्मक मॉडल्स का उपयोग इस प्रकार के अनुसंधान में किया जाता है।
  4. Qualitative Research (गुणात्मक अनुसंधान):

    • इस प्रकार के अनुसंधान में डेटा को वर्णनात्मक और व्याख्यात्मक तरीके से विश्लेषित किया जाता है। इसमें व्यक्तिगत अनुभव, महत्वाकांक्षाएँ, और समझौते की गहराई का पता लगाने का प्रयास किया जाता है।
  5. Exploratory Research (अन्वेषणात्मक अनुसंधान):

    • इस प्रकार का अनुसंधान एक विशेष विषय को समझने के लिए किया जाता है जिसमें पहले से अप्रासंगिक या संदर्भित जानकारी कम होती है। इसमें विभिन्न तत्वों और उनके संबंधों को जांचने की कोशिश की जाती है।
  6. Descriptive Research (वर्णनात्मक अनुसंधान):

    • इस प्रकार का अनुसंधान विशिष्ट तत्वों के विवरण और वर्णन के लिए किया जाता है। इसमें सामाजिक या व्यक्तिगत संदर्भों में विभिन्न तत्वों के अध्ययन का प्रयास किया जाता है।
  7. Action Research (क्रियात्मक अनुसंधान):

    • इस प्रकार का अनुसंधान समस्याओं के समाधान और उनके संबंधित समाजिक परिणामों का अध्ययन करता है। इसमें अनुसंधान करने वाले समुदाय के सदस्यों की सहभागिता होती है।

Characteristics of Research || अनुसंधान की विशेषताएँ

  1. Systematic Process (व्यवस्थित प्रक्रिया):

    • अनुसंधान एक व्यवस्थित प्रक्रिया होता है जिसमें तत्परता से कदम बढ़ाए जाते हैं। इसमें जानकारी की संग्रह, विश्लेषण, और निष्कर्षण की प्रक्रिया शामिल होती है।
  2. Logical and Empirical Basis (तार्किक और प्रायोगिक आधार):

    • अनुसंधान का आधार तार्किक और प्रायोगिक होता है, जिसमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण और प्रयोगात्मकता का महत्वपूर्ण स्थान होता है।
  3. Objective Approach (उद्देश्यपूर्ण दृष्टिकोण):

    • अनुसंधान में तत्परता से तत्परता से विश्लेषण करने की दृष्टि होती है और नई जानकारी की प्राप्ति के लिए उद्देश्यों को पूरा करने का प्रयास किया जाता है।
  4. Critical Analysis (मौलिक विश्लेषण):

    • अनुसंधान में जानकारी को मौलिक रूप से विश्लेषित करने का प्रयास किया जाता है और उसकी सत्यता और विश्वसनीयता की जांच की जाती है।
  5. Replicability (पुनः नमूनानुकरण):

    • अनुसंधान के परिणामों को दोहराया जा सकने की क्षमता होती है, यानी अन्य अनुसंधानकर्ताओं द्वारा उसे फिर से जांचा जा सकता है।
  6. Empirical Observation (प्रायोगिक अवलोकन):

    • अनुसंधान में विशेष ध्यान दिया जाता है कि विश्लेषण का आधार प्रायोगिक अवलोकन और वास्तविक जीवन के अनुभव पर हो।
  7. Clear Objectives (स्पष्ट उद्देश्य):

    • अनुसंधान में स्पष्ट उद्देश्य होते हैं जो कि अनुसंधान की दिशा और ध्यान को स्पष्ट करते हैं।
  8. Impartiality (निष्पक्षता):

    • अनुसंधान में निष्पक्षता बनाए रखी जाती है ताकि अवधारणाओं और परिणामों का विश्लेषण सही और विश्वसनीय हो सके।
  9. Generalizability (सामान्यीकरण क्षमता):

    • अनुसंधान के परिणामों को सामान्यीकरण किया जा सकता है, यानी इसे विभिन्न समुदायों और संदर्भों में लागू किया जा सकता है।
  10. Ethical Considerations (नैतिक विचारणाएँ):

    • अनुसंधान में नैतिक मानदंडों और नियमों का पालन किया जाता है, जैसे कि संरक्षण और सहमति का प्राप्त करना।

Positivism and Post-Positivistic Approach to Research || सकारात्मकतावाद और पोस्ट-सकारात्मक अनुसंधान दृष्टिकोण

Positivism Approach to Research || सकारात्मकतावाद अनुसंधान

1. विवरण:

  • सकारात्मकतावाद विज्ञान के क्षेत्र में प्रचलित एक दृष्टिकोण है जिसमें अनुसंधान को वैज्ञानिक और तात्कालिक दृष्टिकोण से देखा जाता है। इसमें अनुसंधानकर्ता न्यूनतम अनुभव, वास्तविकता, और तथ्यों पर आधारित निष्कर्षण निकालने का प्रयास करते हैं।

2. मुख्य विशेषताएँ:

  • वैज्ञानिक प्रणाली: इस दृष्टिकोण में वैज्ञानिक प्रणाली का प्रयोग किया जाता है जैसे कि प्रायोगिक अवलोकन, नमूना चयन, और तार्किक विश्लेषण।
  • प्रायोगिकता: सकारात्मकतावाद में अनुसंधान को प्रायोगिकता का महत्व दिया जाता है, जिसमें वैज्ञानिक प्रमाणों और उपयोगिता का मापन किया जाता है।
  • निर्धारित सिद्धांत: इसमें निर्धारित सिद्धांतों और विधियों का पालन किया जाता है जिनसे नई जानकारी को वैध और स्थायी बनाया जा सकता है।

3. उदाहरण:

  • विज्ञान, गणित, और प्रौद्योगिकी में सकारात्मक अनुसंधान व्यापक रूप से प्रचलित है। उदाहरण के लिए, एक वैज्ञानिक अनुसंधान में सूर्य ग्रहण की तारीख और समय का अध्ययन किया जाता है, जिसमें निश्चित नियमों के आधार पर परिणाम निकाले जाते हैं।

Post-Positivistic Approach || पोस्ट-सकारात्मक अनुसंधान

1. विवरण:

  • पोस्ट-सकारात्मक अनुसंधान उस सकारात्मक दृष्टिकोण के विरुद्ध है जो स्वीकार करता है कि अनुसंधान में पूर्णतः विश्वसनीयता और निश्चितता की कठोर सीमाएं नहीं हो सकती हैं। इसमें समाजशास्त्रीय और सांस्कृतिक परिपेक्ष्य से जानकारी का मान्यता दिया जाता है।

2. मुख्य विशेषताएँ:

  • संरचनात्मक विश्लेषण: पोस्ट-सकारात्मक अनुसंधान में विश्लेषण में संरचनात्मकता और व्यावसायिकता को महत्व दिया जाता है।
  • सामाजिक समन्वय: इसमें अनुसंधानकर्ता समाज और संसार के समन्वय को ध्यान में रखते हुए अनुसंधान करते हैं।
  • विश्लेषण का व्यापारिक उपयोग: इसमें अनुसंधान के परिणामों का व्यावसायिक उपयोग करने का प्रयास किया जाता है और समाज के लिए उपयोगी समस्याओं के समाधान के लिए विचार किया जाता है।

3. उदाहरण:

  • सामाजिक विज्ञान में, पोस्ट-सकारात्मक अनुसंधान अक्सर समाजिक प्रणालियों, संस्कृति, और व्यवहार में परिवर्तन के प्रभावों को अध्ययन करता है। इसका उदाहरण हो सकता है एक अध्ययन जो समाजिक मान्यताओं और बुनियादी अधिकारों के संदर्भ में महिलाओं के स्थिति का विश्लेषण करता है।

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